वर्तमान की तो किसी को पड़ी ही नहीं फिर भविष्य का नजरिया कैसे आएगा? वर्तमान की तो किसी को पड़ी ही नहीं फिर भविष्य का नजरिया कैसे आएगा?
और कोलाहल ? और कोलाहल ?
और फिर... और फिर...
और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं... और हम उनकी यादों में खोये रहते हैं...
दोस्त की याद में लिखे गये कुछ लफ्ज़... दोस्त की याद में लिखे गये कुछ लफ्ज़...
कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।। कोरे कागज़ का टुकड़ा हूँ चाहे जैसा देखना चाहो दिखता वैसा हूँ।।